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P.P ANDAL BY Prayojanmoolak Hindi: Parichay Evam Vividh Roop
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P.P ANDAL BY Prayojanmoolak Hindi: Parichay Evam Vividh Roop

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Author(s): by Dr. P.P. Andal

Publisher: ( Vani Prakashan )

हर भाषा का अपना शब्द भण्डार, अपनी लेखन शैली, अपनी व्याकरणि .... Read More

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  • Books Details

    P.P ANDAL BY Prayojanmoolak Hindi: Parichay Evam Vividh Roop

    हर भाषा का अपना शब्द भण्डार, अपनी लेखन शैली, अपनी व्याकरणिकता होती है, जो उस भाषा को अन्य भाषाओं से पृथक करती है। जब कोई भाषा अलग-अलग क्षेत्रों में व्यवहार की भाषा बन जाती है, तो सन्दर्भ के अनुसार उसकी शब्दावली और वाक्य संरचना में भिन्नता आ जाती है, जिससे उसके भिन्न-भिन्न भाषा रूप उभर आते हैं। राजभाषा हिन्दी की भी वही स्थिति है। हिन्दी में इस व्यावहारिक पक्ष पर विचार करते हुए प्रशासनिक कार्यालयों में हिन्दी की वर्तमान स्थिति तथा भविष्य में उसके प्रयोग की सम्भावना पर इस पुस्तक में विस्तार से विवेचन किया गया है। भारत की स्वतन्त्रता के उपरान्त संविधान में हिन्दी को राजभाषा का दर्ज़ा दिया गया, जिसके अनुसार प्रशासन के विभिन्न प्रयोजनों के लिए हिन्दी का प्रयोग किया जाता है, परन्तु भारत की भाषायी स्थिति को देखते हुए, प्रस्तुत विषय को यह मानकर, प्रतिपादित किया गया है कि प्रशासन में मुख्यतः अंग्रेज़ी का ही प्रयोग होता है और हिन्दी उसको आधार बनाकर प्रयुक्त होती है। चूँकि व्यावहारिक दृष्टि से राजभाषा हिन्दी और उसकी वाक्य संरचना उसकी प्रकृति से भिन्न है, इसलिए यहाँ इस भाषायी संरचना का विश्लेषण प्रशासन के परिप्रेक्ष्य में करने का प्रयास किया गया है।

    ( by Dr. P.P. Andal )

    Category: General
    ISBN: xxx-xx-xxxx-xx-x
    Sr Chapter Name No Of Page
    1 अध्याय- एक प्रयोजनमूलक हिंदी स्वरूप और क्षेत्र 19
    2 अध्याय-दो भारत की भाषायी स्थिति और राजभाषा हिंदी 22
    3 अध्याय-तीन प्रशासनिक साहित्य-स्वरूप और प्रकार 29
    4 अध्याय-चार हिंदी और अंग्रेजी की व्याकरणिकता (व्यतिरेकी विश्लेषण) 29
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